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Kavita Sharrma

Inspirational

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Kavita Sharrma

Inspirational

पेड़

पेड़

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इक नन्हा सा बीज था मिट्टी में बोया

कब बन गया बड़ा सा पेड़ कोई न जान पाया

पक्षी बैठा आकर डाली पर बोला पेड़ से भाई

धन्यवाद तुम्हारा मित्र इतनी छाँव जो पहुँचाई

पेड़ हँसकर बोला ये मेरा फ़र्ज़ है तुमको सब देना

पर मानव बिल्कुल भूल चुका है बस लेता ही है रहता

पूर्वजों ने जो पेड़ लगाए हम लाभ पा रहे हैं

हमने प्रकृति को क्या दिया ये पेड़ पूछ रहे हैं

अपनी भूल सुधारें हम सब इक इक पेड़ लगाएं

आने वाली पीढ़ियों को हरी भरी धरती सौंपकर जावें


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