छलकते आँसू.....
छलकते आँसू.....
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जब भी दर्द ने आह भरी
हम झट से मुस्कुरा दिये,
तभी दिल के कराहने की आवाज़ आयी
तो जरा सा गुनगुना दिये,
दर्द भी दब गया
और दिल को भी समझा दिये हम,
पर आँखो का क्य?
ये तो सच बयान करते हैं
जरा क्या जीकर हुआ तेरा,
इन्होने आंसू छन से छलका दिये।
