बड़ी सहनशील है हमारी धरती माँ। बड़ी सहनशील है हमारी धरती माँ।
उनके हर काम होते हैं पूनिता, जो पितृ-सेवा को समझते है,गीता ! उनके हर काम होते हैं पूनिता, जो पितृ-सेवा को समझते है,गीता !
जीवन की राहों पे चलने के लिए बनना पडेगा सहनशील हमें वृक्षों की तरह. जीवन की राहों पे चलने के लिए बनना पडेगा सहनशील हमें वृक्षों की तरह.
पुलकित वसुंधरा करती नृत्य फसल जब देते मगन हो तान कृतज्ञय हैं हमसब.. हे अन्नदाता..! पुलकित वसुंधरा करती नृत्य फसल जब देते मगन हो तान कृतज्ञय हैं हमसब.. हे अन्...
जनम लिया जब, जीने को हर मंसूबे बनाती है नारी सा कोई सहनशील नहीं , हर शय में ढल जाती है जनम लिया जब, जीने को हर मंसूबे बनाती है नारी सा कोई सहनशील नहीं , हर शय में ढ...