पर फिर भी प्यार मिले मुझे मेरे अवगुण देखे बिन, तो क्यों ना हो मातृ दिवस हर दिन ? पर फिर भी प्यार मिले मुझे मेरे अवगुण देखे बिन, तो क्यों ना हो मातृ दिवस हर दिन...
अम्मा तेरा आंचल कितनी ही कहानी कहती है कुछ भूल गया हूं कुछ कुछ याद है वह पल। अम्मा तेरा आंचल कितनी ही कहानी कहती है कुछ भूल गया हूं कुछ कुछ याद है...
ज़िम्मेदारी की समझ बचपन से पाई हूं। ज़िम्मेदारी की समझ बचपन से पाई हूं।
पेड़ों पर कभी चढ़ना कभी छज्जें से लटक जाना कभी सीढ़ियों की रेलिंग होती थीं अपनी सवार पेड़ों पर कभी चढ़ना कभी छज्जें से लटक जाना कभी सीढ़ियों की रेलिंग होती ...
जनम लिया जब, जीने को हर मंसूबे बनाती है नारी सा कोई सहनशील नहीं , हर शय में ढल जाती है जनम लिया जब, जीने को हर मंसूबे बनाती है नारी सा कोई सहनशील नहीं , हर शय में ढ...