धरती माँ
धरती माँ
बड़ी
सहनशील
है हमारी धरती माँ
बड़ी आसानी से दुखड़ा
नहीं रोती किसी के सामने अपना
फटती तभी है जब हृदय छलनी होता ।
मूढतावश मानव स्वयं ही अपनी
करनी से होता जिम्मेदार
सदा ही धरती माँ को
करता बहुत नाराज
दोष किसी पर
डालता।
बड़ी
सहनशील
है हमारी धरती माँ
बड़ी आसानी से दुखड़ा
नहीं रोती किसी के सामने अपना
फटती तभी है जब हृदय छलनी होता ।
मूढतावश मानव स्वयं ही अपनी
करनी से होता जिम्मेदार
सदा ही धरती माँ को
करता बहुत नाराज
दोष किसी पर
डालता।