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Sandeep Kumar

Romance Fantasy Children

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Sandeep Kumar

Romance Fantasy Children

बस इतना ही मैं तुमसे प्यार करती हूं

बस इतना ही मैं तुमसे प्यार करती हूं

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तुम्हें जान कर अपना

अपने घर पर बुलाती हूं

दिल की सारी बातें

बेझिझक तुम्हें सुनाती हूं।।


सहृदय धड़कन में लिप्त

हर वक्त तुम्हें पाती हूं

ये दुनिया की अनबन को

तेरे बीच में ना लाती हूं।।


तुम्हें सीर के सिरमोर बनाकर

सिर पर सजाती हूं

कभी नजरें उठाकर ना

किसी औरो पर झुकाती हूं।।


बस इतना ही मैं तुमसे

प्यार करती हूं

तुम्हें जान कर अपना

अपने घर पर बुलाती हूं।।


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