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Abhishu sharma

Fantasy Inspirational

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Abhishu sharma

Fantasy Inspirational

बरखा का आभार

बरखा का आभार

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बाहर बरखा की मंद मंद बहार है

अंदर बिस्तर के कोने पर तकिये से कमर टीकाकर 

चाय की चुस्की ,होंठों पर मुस्की 

सच है ,जर्जर इस बंज़र ज़िन्दगी की 

देह पर चले हैं कितने ही खंजर ,पर

खिड़की से अँखियों के झरोखे में उजला ये ख़ुशी का मंज़र

ऐ मेरे हमसफर !अब क्या कोई और वजह चाहिए 

इस दुनिया के इश्क़ में पड़ने को जीवन भर।


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