बरगद की छाँव
बरगद की छाँव
बरगद की छाँव की तरह
आपका साया हम पर
आच्छादित है।
आप स्तम्भ हो
हमारी शाखों के।
जैसे
पक्षियों का
कलरव होता है उसकी
छत्रछाया में
हमने भी आपके साये
में रहकर कलरव
करना सीखा है।
कितने ही प्राणी
को आपकी
छाँव ने
सम्बल दिया।
निर्बाध हो विचरण
किया।
बस अब सिर्फ
यही चाह है
कि
बरगद की छाँव
की तरह
आपकी छाँव
सदा सर्वदा
हम पर
बनी रहे।।
