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Dr Manisha Sharma

Romance

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Dr Manisha Sharma

Romance

बन्धन

बन्धन

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मेरी माँग में सिंदूर की लाली नहीं

तेरे प्रेम की गुलाबी रंगत है


मेरे हाथों में खनखनाहट नहीं चूड़ियों की

तेरे साथ की गुदगुदाहट है


मेरे माथे पर गोल बिंदिया नहीं 

तकदीर लिखी है तेरे होने की


मेरे पैरों में रुनझुन नहीं बिछिया और पायल की

तेरे कदमों की सरसराहट है


कैसे कह दूँ तुम्हारी नहीं मैं

सात फेरों का बंधन नहीं


पर सात जन्मों का बंधन है 

तुम्हारा -हमारा।


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