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RAMESH KUMAR SINGH RUDRA रमेश कुमार सिंह रूद्र

Romance

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RAMESH KUMAR SINGH RUDRA रमेश कुमार सिंह रूद्र

Romance

बिन फेरे हम तेरे

बिन फेरे हम तेरे

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जिंदगी के रंग में

खेल रहे थे संग में

यादों में बारात सजी

बातों में साज सजी

जीने का आधार मिला है।


फिर-हो गये

बिन फेरे हम तेरे

मेरा-तेरा साथ-साथ

हर घड़ी आस-पास

खुशियों के बौछार में

आंनद भरे धार में

फूलों का गुलजार मिला है।


फिर-हो गये 

बिन फेरे हम तेरे

तेरे लिए मैं बना हूँ,

तेरे जीवन का फना हूँ,

तू मेरा है हमसफ़र,

भटकना नहीं दर-बदर,

सींचने को बाग मिला है,

फिर - हो गये

बिन फेरे हम तेरे।


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