बिखरे रंग
बिखरे रंग


कल तक रंगों की दुनिया में,रंग साथ में सारे थे
कुछ रंगों पर हक था तेरा, थोड़े रंग हमारे थे
कल तक यूँ लगता था हमको, रंग सभी थे निखर रहे
आज मगर यह हाल हुआ है, रंग सभी ये बिखर रहे
रंगबिरंगी दुनिया में जब, ख्वाब प्रेम के पलते हैं
प्यार सभी रंगों से होता,प्यार सभी से करते हैं
प्रेम अगर निखरेगा तो हर रंग फ़िज़ा का निखरेगा
प्रेम अगर बिखरेगा तो हर रंग फ़िज़ा का बिखरेगा
दूर कोई अपना जब होता, नैनो से आँसू बहते
जीवन की यह सच्चाई है, बिखरे रंग यही कहते।