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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Abstract

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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

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भूत प्रेत का साया

भूत प्रेत का साया

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अंत काल की इच्छा के संग छूटती जब काया भटकती रहती है युग मे अपनी अपूर्ण इच्छाओं की

माया।।            

अतृप्त आत्माओं का कहते इनको साया युग मे आतंक पर्याय साया बनकर भय दहसत से जीवन दुर्भर करते भूत प्रेत की माया।।

दुनियां पीड़ित हो जाती डर दर्द से चाहे जितने जतन करे ,करे चाहे प्रयास वेदना का ही साम्राज्य साया।।

नकारात्मक निर्रथक तंग करना नियत इनकी ईश्वर की कोई शक्ति ही प्रेत भूत के अंत रास्ता।।       

अतीत किस्से कहानी मन मस्तिष्क को प्रभावित करते कभी बहम कभी वास्तव परग्राही की माया।।

ना जाने कैसी कैसी इनकी भयंकर दहसत की काया माया विज्ञान नही मानता भूत प्रेत की दुनियां में अतीत भूत प्रेत का साया कभी सही विज्ञान कभी विज्ञान बौना दिखने भ्रम का साया।      

भ्रम भूत प्रेत का भंवरजाल मकड़जाल महामाया निहित स्वार्थी अतीत भूत प्रेत की आड़ में अपनेमकसद मंजिल का मार्ग का घडयंत्र माया साया।।

भूत प्रेत के नाम पर स्वार्थ सिद्ध का स्वांग रचाते अपूर्ण इच्छाओं की अतृप्त आत्मा का खेल घिनौनाअमर्यादित आचरण से नाता।।

देखा नही किसी ने किंवदन्ति कहानी किस्सों से ही अक्सर इनकी वास्तविकता कोमल मन पर भय भयंकर साया।।

युग मे भूत नही कुछ भी वर्तमान ही वैमनस्य द्वेषनफरत के नश्तर की सुईभूत प्रेत की साया।।




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