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Brijlala Rohanअन्वेषी

Romance

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Brijlala Rohanअन्वेषी

Romance

बहुत पास फिर भी बहुत दूर

बहुत पास फिर भी बहुत दूर

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बहुत पास फिर भी बहुत दूर, 

तस्वीरों को तेरी निहारता भरपूर ,

 अब तू ही मेरी फितरत तू ही फितूर, 

होंगे न हम कभी जुदा होंगे न दूर। 

मिलेंगे हम निश्चित ही जरूर, 

ऐसा अब महसूस हो रहा हमें भी की 

हमारे मिलन का दिन अब रह गया न दूर!

भले ही हम हालातों के कारण हैं मजबूर ,

पर हम संग जिंदगी सुकून से बितायेंगे जरूर। 

आखिर हमारा प्यार है अटूट ।

हममें एक- दूसरे के प्रति निष्ठा है भरपूर। 

बहुत पास फिर भी बहुत दूर ,

संग तेरे साथ खींचे गये तस्वीरों को निहारता हूँ नित भरपूर।

तू ही मेरी फितरत अब तू ही मेरी फितूर। 

बहुत पास फिर भी बहुत दूर ।



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