बहुत पास फिर भी बहुत दूर
बहुत पास फिर भी बहुत दूर
बहुत पास फिर भी बहुत दूर,
तस्वीरों को तेरी निहारता भरपूर ,
अब तू ही मेरी फितरत तू ही फितूर,
होंगे न हम कभी जुदा होंगे न दूर।
मिलेंगे हम निश्चित ही जरूर,
ऐसा अब महसूस हो रहा हमें भी की
हमारे मिलन का दिन अब रह गया न दूर!
भले ही हम हालातों के कारण हैं मजबूर ,
पर हम संग जिंदगी सुकून से बितायेंगे जरूर।
आखिर हमारा प्यार है अटूट ।
हममें एक- दूसरे के प्रति निष्ठा है भरपूर।
बहुत पास फिर भी बहुत दूर ,
संग तेरे साथ खींचे गये तस्वीरों को निहारता हूँ नित भरपूर।
तू ही मेरी फितरत अब तू ही मेरी फितूर।
बहुत पास फिर भी बहुत दूर ।

