भुलाएँ भी तो कैसे
भुलाएँ भी तो कैसे
तुम्हारे संग बिताये लम्हें,
तुम्हारे संग सजाये सपने
तुम्हारे संग निभाये कसमें,
तुम्हारे संग बिछाये गुलाब,
तुम्हारे संग खिंचाई तस्वीर,
तुम्हारे संग चलाये कदम,
तुम्हारे संग गुज़ारे दिन-रात,
तुम्हारे संग बीती हर शाम,
तुम्हारे संग रही हरबार,
तुम्हारे बिना कैसे लूँ अब साँस।

