बहका बहका मन।
बहका बहका मन।
जान जब-जब भी तुम्हें देखा है मैंने,
बहका बहका मन जानम है तब से।
तेरे बिना कुछ भी अच्छा नहीं लगा,
तेरे बिन बसंत मौसम पतझड़ लगा।
तेरे बिन जीना तब से मुश्किल हुआ,
जब से प्यार का रिश्ता पक्का हुआ।
पहले आराम से सो जाया करता था,
अब तो करवटें ही बदलता रहता हूँ।
कुछ दिनों के बाद होने वाली सगाई,
दिल चाहता बनाना अब तुझे लुगाई।
खुदा ईश्वर ने तुझे मेरे लिए बनाया है,
तभी हम दोनों ने पति पत्नी बनना है।