हाइकु-पिता
हाइकु-पिता
पिता का साया
संबल मुश्किल में
हर समय।
वटवृक्ष है
जब तक पिता है
स्वच्छंद भाव।
जब तक है
पिता हमारे साथ
हम बच्चे हैं।
जब समझा
हमने पितृ ताने
खोने के बाद।
पिता का भाव
समझ आता जब
बनते पिता।
मूल्य समझो
पिता का तुम सब
सुखी रहोगे।
दिल न दुखे
पिता का जीवन में
कोशिश करो।
कल बनोगे
जब तुम भी पिता
याद करोगे।
पिता है मेरा
सुकून भरा भाव
लगे न डर।