दिवाली
दिवाली
करते साफ सफाई अपने भवन की हैं !
सजाते अपने भवन को सबसे सुन्दर हैं !
दीपो से होते हैं उजागर सबके भवन हैं !
स्नान कर - कर सब घरवाले हो जाते तैयार हैं !
करते हैं पूजा माँ लक्ष्मी और गणेश जी की हैं !
मिष्टान सबको खिलाते हैं !
जब भगवाधारी रघुनंदन लंकेश को पराजित करके आते हैं !
और युग में बुराई पे अच्छाई का पाठ सबको पढ़ाते हैं !
और राजतिलक की तैयारी अयोध्यावासी करते हैं !
जब सिया पति राम चौदह वर्ष का वनवास काटके आते हैं !
हनुमान जी और लक्ष्मण जी के साथ
संग माता सीता के श्री राम पधारते हैं !
हर जगह जय श्री राम के नारे लगते जाते हैं !
प्रस्थान करते ही अपनी माता के चरण स्पर्श करते जाते हैं !
अपने अनुजो को हृदय से लगाते हैं !
राज तिलक करवाके प्रभु माता सीता के साथ सिंघ्हासन पर विराज जाते हैं !
और हनुमान जी अपने प्रभु की सेवा करने के लिए अयोध्या ही रूक जाते हैं !
गीले शिकवे जितने भी होते हैं उनको दूर किया जाता हैं !
गेरो को भी मिष्टान खिलाकर गले मिलकर अपना बनाया जाता हैं
इस दिन को हर्षोल्लास से सबके साथ मनाया जाता हैं !
यह दिन भारत में दिवाली कहलाता हैं।