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Kalamkaar 51

Abstract

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Kalamkaar 51

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दिवाली

दिवाली

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करते साफ सफाई अपने भवन की हैं !

सजाते अपने भवन को सबसे सुन्दर हैं !

दीपो से होते हैं उजागर सबके भवन हैं !

स्नान कर - कर सब घरवाले हो जाते तैयार हैं !

करते हैं पूजा माँ लक्ष्मी और गणेश जी की हैं !

मिष्टान सबको खिलाते हैं !


जब भगवाधारी रघुनंदन लंकेश को पराजित करके आते हैं !

और युग में बुराई पे अच्छाई का पाठ सबको पढ़ाते हैं !

और राजतिलक की तैयारी अयोध्यावासी करते हैं !

जब सिया पति राम चौदह वर्ष का वनवास काटके आते हैं !


हनुमान जी और लक्ष्मण जी के साथ

संग माता सीता के श्री राम पधारते हैं !

हर जगह जय श्री राम के नारे लगते जाते हैं !

प्रस्थान करते ही अपनी माता के चरण स्पर्श करते जाते हैं !


अपने अनुजो को हृदय से लगाते हैं !

राज तिलक करवाके प्रभु माता सीता के साथ सिंघ्हासन पर विराज जाते हैं !

और हनुमान जी अपने प्रभु की सेवा करने के लिए अयोध्या ही रूक जाते हैं !

गीले शिकवे जितने भी होते हैं उनको दूर किया जाता हैं !

गेरो को भी मिष्टान खिलाकर गले मिलकर अपना बनाया जाता हैं


इस दिन को हर्षोल्लास से सबके साथ मनाया जाता हैं !

यह दिन भारत में दिवाली कहलाता हैं।


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