दिल से पूछो
दिल से पूछो
दर्द दिल का समज
ना पाया कोई मेरा
मैं ढुंढता रहा सहारा
नही बना कोई किनारा।।१।।
सफलता हाथ ना आयी
मंजिल खुद से दूर गयी
कोसा अपने आपको मैने
क्यु टुट गये सारे सपने ।।२।।
चुक गये सब एकसाथ
जो लगाये थे निशाने
दुर गये सब साथी
रहे ना कोई अपने।।३।।
पास ना कुछ रहा
दुःख दर्द सब सहा
कुछ तो दिल से सोचो
क्या करना है दिल से पूछो।।४।।