"नारी का हर रूप महान"
"नारी का हर रूप महान"
कभी अंबा, कभी जगदंबा
कभी लेती शक्ती का रुप
जगत जननी कहे कोई
कोई जाने नारी को लक्ष्मिस्वरुप।।१।।
कभी बनी पार्वती देवी
करके शंकरजी का ध्यान
सरस्वती का रुप लिए
बाटे जन, जन मे ज्ञान।।२।।
बनके प्रधानमंत्री भारत की
करे कार्य बडे महान
आकाश भ्रमण करके आयी
बनी कल्पना महान।।३।।
कोयल समान गीत गाकर
लता दीदी ने बढाया मान
राष्ट्रपती भारत की बनी एक नारी
पायलट बनकर भरी उची उडान।।४।।
माता, बीवी बेटी के रूप लेकर
बांटा हर सुख और दुःख
दिया नारी ने अपने कार्य से
दिखाया अपनेपण का स्वरूप।।५।।
अपने दम पर लड़ी एक नारी
जिसका नाम था लक्ष्मी बाई
करके शंकर जी के मंदिरो का निर्माण
वह थी एक देवी अहिल्याबाई।।६।।