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Poems
सतीश मापतपुरी
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Inspirational
जगदम्बा हर वनिता है
तू ही रंभा तू ही अंबा, जगदम्बा हर वनिता है।
तू ही रंभा तू ही अंबा, जगदम्बा हर वनिता है।
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Inspirational
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