STORYMIRROR

Rashmi Ranjan Moharana

Abstract Inspirational

4  

Rashmi Ranjan Moharana

Abstract Inspirational

चल कुछ बातें करेंगे

चल कुछ बातें करेंगे

1 min
200

चल बैठ एक शाम

शामियाने के साथ

शब्दों के मायाजाल में

चल कुछ बुन बैठेंगे

लबों पे नाम

और हाथों में जाम के साथ

चल कुछ बातें करेंगे ।। (१)


बर्फ जैसी है यह जिंदगी

पिघलने तक सिमटती है

चने के मोल से जीते हैं

जब तक दिखे, तब तक पीते हैं

जीने का नशा सबसे बड़ा नशा होता है मेरे दोस्त

आ किसी मैखाने में तबदील करेंगे

छोड़ सारे काम

और हाथों में लिए अगला जाम

चल कुछ बातें करेंगे ।। (२)


दो पल कि खुशी सबसे हसीन लगती है

भले ही 'कल' की मायूसी 'कल' तक रहे

शबाब और शराब के आगोश में

इस बेगानी रात में आज को चल जी लेते हैं

देख तेरे चारों तरफ कितनी है मनहूसियत

फिर भी लोग पीते चलेंगे, और हंसते रहेंगे

यूं ही गाने के बोल बिन समझे गाते चलेंगे

छोड़ कर पुरानी बातों का गम

एक और जाम पकड़ कर

चल कुछ बातें करेंगे

चल कुछ बातें करेंगे ।। (३)



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract