मत पूछ...
मत पूछ...
क्या हुआ है मुझे, मत पूछ
क्यों देखूं मैं तुझे, मत पूछ
तेरी मुस्कान इस आशिक़ के लिए हो न हो
पर ये आशिक़ क्यों शरमाए, मत पूछ ।। (१)
क्यों तेरा इंतजार है, मत पूछ
क्यों ये बरकरार है, मत पूछ
क्यों तेरे आंखों में डूबा रहूं
बिन बयान के मैं, मत पूछ ।। (२)
क्यों तेरी ख्वाहिश है, मत पूछ
क्या इरादा है, मत पूछ
एक शाम बैठ मेरे साथ, कर मुकद्दर की खैर
फूल गुलाब के बाद क्या होगा, ये मत पूछ ।। (३)