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mamta Shrimali

Abstract

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mamta Shrimali

Abstract

उसने कहा कुछ लिखना मेरे लिए

उसने कहा कुछ लिखना मेरे लिए

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शब्द इतने थे कि कागज ही कम पड़ गए जिसके लिए

"उसने कहा कुछ लिखना मेरे लिए,"

बाते जो कह न पाये रह गयी वो अनकही पर

दिल को आस भी मिलन की रही कही.


बीत जाते हैं जहा कई साल किसी को जानने के लिए,

वहां एक अजनबी को चार दिनों में हम अपना मान लिए.

जोड़ेगे नए रिश्ते तो टूटेंगे पुराने रिश्ते ये मान बैठे थे!

निभाने के लिए उन पुराने रिश्तों को

हम जुड़ा उनसे नया रिश्ता तोड़ बैठे थे!


शब्द इतने थे कि कागज ही कम पड़ गए जिसके लिए

अधूरे रिश्तों पर कविता कैसे लिखते पूरी

कैसे ? लिखदे कुछ उसके लिए,

"उसने कहा कुछ लिखना मेरे लिए !"


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