क्या मेरे लिए कुछ सही नहीं है?
क्या मेरे लिए कुछ सही नहीं है?
बचपन में पढ़ना चाहा तो टोका गया मुझे
यह कहकर जरूरत नहीं है तुम्हें इसकी
क्योंकि तुम एक लड़की हो यह तुम्हारे लिए सही नहीं है!
जवानी में मुझ पर लगाई पाबंदी कहा जवान हो कुछ हो गया तो?
यह कहकर में एक लड़की हूँ यह तुम्हारे लिए सही नहीं है!
शादी हुई तो घूंघट में ही रही
एक दिन जब गिरा गलती से घूंघट तो डांटा मुझे
यह कहकर में एक बहु हूँ घर की यह तुम्हारे लिए सही नहीं है!
जब काम करना चाहा बाहर तो कहा तुम घर पर ही रहो
दोनों चीजें एक साथ नहीं पाओगी संभाल
घर को नहीं पाओगी सवार
छोड़ो नौकरी का ख्याल
यह कहकर में एक औरत हूं यह तुम्हारे लिए सही नहीं है
घर को हम संवारते रहे घर पर ही रहकर
तो एक बार जरा एक काम हम भूल क्या गए तो
यह कहकर मैं एक पत्नी हूँ तुम आखिर पूरा दिन करती क्या हो घर पर
ऐसे भूलना तुम्हारे लिए सही नहीं है!
फिर अचानक एक दिन मां बनी
तब कहा इतनी जल्दी बच्चा नहीं चाहिए
अभी मुझे वक्त चाहिए अपनी एक पहचान चाहिए तो
यह कहकर मैं एक पत्नी हूँ यह हक तुम्हारा नहीं है
यह फ़ैसला मैं लूंगा तुम्हारा बोलना तुम्हारे लिए सही नहीं है!
बेटा बड़ा हुआ तो उससे कुछ पूछना क्या चाहा
उसने तो मुझे चुप कराया
यह कहकर मैं एक गंवार हूं चुप रहो बोलना तुम्हारे लिए सही नहीं है!
बेटे की शादी हुई तो बहु आई
छोटा सा झगड़ा क्या हुआ बेटा
छोड़ आया मुझे वृद्धाश्रम
यह कहकर में एक बोझ हूँ यह रहना तुम्हारे लिए सही नहीं है!
