STORYMIRROR

mamta Shrimali

Romance

3  

mamta Shrimali

Romance

वो खोने से डरता है मुझे

वो खोने से डरता है मुझे

1 min
193


याद उसे भी आती है मेरी पर वो जताता नहीं।

पर फिर भी कुछ कहता नहीं है ,पर वो खोने से डरता है मुझे।

हर सुबह उसके बिना मेरे बिना शक्कर की चाय जैसी और रात को मेरी यादों को सीने से लगा कर सोता है वह। 

पर फिर भी कुछ कहता नहीं है पर वो खोने से डरता है मुझे।

उसने कहा था तेरी आवाज सुने बिना मैं 1 दिन ना रह पाऊं आज वही शख्स मेरा फोन उठाता नहीं है।

पर फिर भी कुछ कहता नहीं है पर वो खोने से डरता है मुझे। 

व्हाट्सएप के स्टेटस देख कर मेरा हाल मत जाना करो इनकमिंग फ्री है कभी फोन उठा कर पूछ लिया करो।

पर फिर भी कुछ कहता नहीं है पर वो खोने से डरता है मुझे।

क्यों कर रहे हो? वक्त जाया यह सोचने में क्या तेरा कुसूर। क्या मेरा कुसूर। जिंदगी एक ही है हुजूर।

पर फिर भी कुछ कहता नहीं है पर वो खोने से डरता है मुझे।

कभी देख तू इस रिश्ते को गौर से टूटा नहीं है पर बिखर जाएगा।

तू अब तो कह दे कि तू खोने से डरता है मुझे।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance