माँ का दिन
माँ का दिन
कब है मां का दिन?
इंसान के शरीर के दर्द सहने की 45 डेल की क्षमता पर
बच्चे के जन्म पर होने वाले 57 डेलके दर्द पर उसका हंसना है उस "मां का दिन"|
उसके बच्चे के पहली बार चलने पर बोलने पर हंसने पर उसकी हर पहली हरकत पर
उसकी खुशी का दिन है,उस "मां का दिन" |
उसके पर्स में जब लिपस्टिक पाउडर की जगह
वह रखने लगती है
बच्चे के कपड़े और डायपर्स जिस दिन
वह दिन है उस "मां का दिन"।
खुद सजने सवरने वाली लड़की भूलती है
अपनी जरूरतें जिस दिन
और बचाती है पैसे अपने बच्चे की जरूरत पर जिस दिन वह दिन है उस "मां का दिन"।
अपनी गुड़िया को सजाकर जब करती है वह खुद से दूर करके उसका कन्यादान।
भरने को आंचल में खुशी! लेकिन देखकर अपनी गुड़िया को संसार में दुखी!
जब वह रोती है उस दिन होता है "मां का दिन"।
छोड़ती है वह अपनी खुशियां जिसके लिए।
वहीं जब छोड़ता है उसको वृद्ध आश्रम!
अपनी खुशियों के लिए वह दिन है उस "मां का दिन"।
उसका सिर्फ एक दिन नहीं जरूरी
जिंदगी है यह उसकी पूरी जिस दिन रहेगी वो खुश उसमें वह दिन होगा उस "मां का दिन"।
