भेदभाव
भेदभाव
क्यों बदलना है खुद को
क्या हुआ अगर काले है
रंग भले ही काला हो
लेकिन मन तो साफ है।
ना हो चाहे सिर पर बाल
फिर भी हम अच्छे है
नहीं कर सकते झूठा दिखावा
जैसे भी है मगर सच्चे है।
दुनिया के लिए
मुुझमेें यह कमी है
क्या जाने यह दुनिया
खूबसूरती मेरी यही है।
खुबसूरती हमेशा से ही
दुनिया की आंखों में चुभी है
मेरी खामियां ही मेरी ताकत है
इसलिए तो दुनिया के लिए यह कमी है।
मुझे अपने काले रंग का नहीं
बल्कि दुनिया के बदलते रंगों का करना है सामना
मुझे अपने गंजेपन का नहीं
बल्कि दुनिया के तानों का करना है सामना।