भारतमाता
भारतमाता
हर ले ! भारतमाता, हर ले!
संतप्त संतति की व्यथा हर ले !
हर ले ! भारतमाता, हर ले !
दरिद्रता और दीनता ग्रसित जीवन !
प्रतिपल गूँजती नीरव रूदन !
रोटी की आश में तकते व्याकुल मन,
परिश्रम की वेदी पे न्यौछावर है तन- मन !
भ्रष्ट व्यव्यवस्था की बह रही चहूँ ओर भगीरथ,
तम में अतृप्त स्वातंत्र्योत्तर भारत का सकल मनोरथ।
सद्बुदि, साहस का सरगम दे दे !
हर ले ! भारतमाता, हर ले !
संतप्त संतति की पीड़ा हर ले !
हर ले ! भारतमाता, हर ले।