भारतीय नारी
भारतीय नारी
लक्ष्य को सदा बांधे रखती
स्व पर सदा भरोसा रखती।
पर्वत सी वह अटल रहती
हर हाल में यह मुस्कराती।
मुश्किलों से कभी न डरती
हर चुनौती का सामना करती।
हार में जीत की क्षमता रखती
असंभव को संभव है करती।
काली कभी वो कल्याणी बनती
सबकी झोली खुशियों से भरती।
घर बाहर हर रिश्ता खूब निभाती
हर समस्या का समाधान बनती।
वह भारत की महान नारी है
सोच, समझ उसकी न्यारी है।
सभ्य संस्कृति उसे प्यारी है
हम सब उसके बलिहारी हैं।
