भारत की कहानी के केंद्र में
भारत की कहानी के केंद्र में
भारत की कहानी के केंद्र में खड़े एक प्रकाश स्तम्भ,
किरणें जिसकी शांति और अहिंसा ले हैं अति उज्ज्वल।
महात्मा, हम सभी कब भूल सकते हैं नाम आपका,
प्रेम की विरासत और स्वतंत्रता की लौ याद है हम सभी को।
ली लाठी जो मज़बूत थी, माँ भारती की धरा सी,
थे नेता आप विनम्र, सौम्य पर दृढ़-संकल्पित।
सत्य के कर परीक्षण, दिखालाया जो मार्ग आपने,
सिखलाया हम सभी को जीना, जो प्रेम का बने नगीना ।
सत्याग्रह, हथियार आपका - है जो सच्चा इतना,
अहिंसा, वह मार्ग जिसका अनुसरण है करना।
डटे रहे थे ज़ुल्म के सामने, ओ! महात्मा गांधी!,
सिखलाया साहस-प्रेम की नदियाँ इक साथ बहना।
चरखा घुमाया आपने, बना आज़ादी का प्रतीक,
बनो निर
्भर आत्म ही ईश्वर सा सन्देश यह इक।
सादगी और सच्चाई हैं करते मार्गदर्शक प्रकाश सा,
जो उचित था और सही था, उसकी ओर कदम था।
एक राष्ट्र का सपना देखा, हुए एकजुट हुए स्वतंत्र,
इक दर्शन जो शांति का था, है छिपा जिसमें गणतंत्र।
दुनिया को दिखलाया कि जीत नहीं सकती नफरत,
सत्य प्रेम का प्रयास प्राप्त करता है विजय पाप पर।
प्रेरणा देते रहेंगे - शब्द आपके - कार्य आपके,
एक ऐसी दुनिया बनेगी, लोग जहां मिलजुल रहेंगे।
विरासत आपकी कायम है, बेहतर दुनिया की आशा में,
शांतिमय परिवर्तन का भविष्य, लिखता इतिहास की भाषा में।
संदेश प्रेम का आपका, हम कभी नहीं मरने देंगे,
न्याय होता रहेगा देश में, अन्याय नहीं करने देंगे।