भारत अब नकली हिंदुस्तान
भारत अब नकली हिंदुस्तान
भारत अब बचा कहां
सोने की चिड़िया कहलाता
मानव मानवता से नाता।
मौसम ऋतुएं खुशगवार
देवता भी लेते जन्म जहां।।
पत्थर में भी भगवान पूजे
जाते शक्ति की भक्ति नारी मर्यादा
भैरव ,काली ,सरस्वती, शिव शंकर,
विष्णु ,ब्रह्म ,संग सिंह ,स्वान ,
बृष ,हंस, गरुण गण गणेश का मुसक
देव समान यहाँ।।
गंगा ,जमुना ,कावेरी ,नर्वदा,
ताप्ती ,कलवरव करती नदियां
मोक्क्ष दायनी यहाँ।।
प्रकृति प्राणि प्राण के
अक्षय अक्षुण संस्कृति
संस्कार यहाँ।।
अब भारत बचा कहां
धर्म ,द्वंद ,द्वेष में दुकड़ो में बंट
हिंदुस्तान भारत का अंश बचा
बचे शेष भारत मे अब सत्य
सनातन मर्म मर्यादा बची कहां।।
अपने ही आराध्य राम की
सच्चाई का जंग यहां।।
नदियाँ पर्वत बृक्ष अंधा
धुंध विकास की दौड़ में
लोप हो रहे हो रहे विलुप्त
प्राणी कर रहे सवाल जाऊं
तो जाऊं कहां।।
पर्यावरण प्रदूषण, संस्कृति
संस्कार प्रदूषण, सत्य सनातन
नाम सिर्फ बचा, नही यथार्थ यहाँ।।
अहिंशा परमो धर्मह महाबीर
बुद्ध का रहा नही अब सार यहाँ।।
बेटी नारी की आधी भारत की
आबादी मांग रही सम्मान यहाँ।।
किसान, मजदूर परेशान
बेहाल व्यवसायी शांत मन
में अशांत यहॉं।।
हर दिन हिंसा का तांडव
करता नंगा नाच यहाँ।।
लोकतंत्र के नाम पर बाहुबली
चोर उचक्कों का साम्राज्य यहां।।
भुला चुके स्वयं का आचरण
संस्कृति नकल प्रधान संस्कार
यहां अपने ही आस्तीन में लाखों
गद्दार यहाँ।।
छद्म धर्मनिरपेक्ष कथित बुद्धजीवियों
का ढुलमुल रीति रिवाज यहां।।
पता नही भारत का धर्मनिरपेक्ष
हिंदुस्तान यहाँ।।
भारत मे सिंह स्वान गौ माँ
संग संग एक घाट पर पानी पीते
भाई भाई का दुश्मन माँ बाप
का अपमान यहाँ।।
निहित स्वार्थ में लड़ते भिड़ते
एक दूजे के लहू के प्यासे नव
आधुनिक समाज यहाँ।।
राम कृष्ण महाबीर बुद्ध के
आदर्शों का भारत खोज
रहा विश्व अब तो भारत का
नकली अवशेष सिर्फ हिंदुस्तान बचा।।
