बगावत
बगावत
लोग कहते हैं हमने प्यार में बगावत कर दी
कभी पूछा हमसे ये गुस्ताख़ी क्यों कर दी।
कांटों भरी राह में चल ही रहे थे हम बेवजह
फिर भी हमें अंगारों भरी आंखों से देखा गया।।
कसूर क्या था इस दिल का के प्यार किया
ये उन्होंने भी किया था तो उन्हें माफ़ किया।
कैसे ना करे हम इस ज़माने से बगावत
दुनिया ने हमें हर बार बदनाम जो किया।