बेस्ट फ्रेंड
बेस्ट फ्रेंड
दोस्त है वो मेरी, "शिवा" मुझे बुलाती है
हँसती है वो खुल के, मुझे भी हँसाती है।
चैन नहीं मिलता, जब तक उसको सब बताऊँना
घंटो बात करके भी उससे, कभी मैं थक पाऊँना।
इस दुनिया की भीड़ में, वो मुझे समझती है
"शिवा खाना खाया ना ?" बस वो ही तो पूछती है।
मेरी जीत में मुझसे ज्यादा वो खुश होती है
मेरी हार में मुझसे ज्यादा वो ही तो रोती है।
नाता सालों का है उससे, रिश्ता बहुत गहरा है उससे
उससे बात किए बिन, कुछ अधूरा सा लगता है।
जब भी मिलती हूँ उससे, सब पूरा सा लगता है
परेशानियाँ भी कम हो जाती है, उसको बताने से।
थकावट भी दूर हो जाती है, उससे गप्पे मारने से
मेरी खूबियों और खामियों से वाकिफ है वो।
मेरे सुख दुख की इकलौती साथी है वो
उतार चढ़ाव बहुत आए इस दोस्ती में
प्यार कभी कम ना हुआ इस रिश्ते में।
मेरी उलझी सी ज़िंदगी की सुलझने उससे है
मेरी फीकी सी ज़िंदगी के रंग उससे है।
लिख कर या बोल के बताना आसान नहीं
अनमोल है तू, ये तुझे भी एहसास नहीं।
कभी दोस्त, कभी बहन, कभी माँ सी लगती है
तू मुझे मेरे लिए रब का कोई फरिश्ता सी लगती है।।