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Sham Sunder Saini S.S.S

Drama

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Sham Sunder Saini S.S.S

Drama

बेरोज़गारी

बेरोज़गारी

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युवा पीढ़ी दे रही दुहाई

किसी काम ना आई पढ़ाई

सर्टिफिकेट्स और प्राइज़ जितने भी,

मार्केट में कॉम्पिटिशन उतने ही !


पढ़े-लिखे बेरोज़गारों का

बन गया एक पूल यहां

गवर्नमेंट जॉब के नाम पर

बनता है सिर्फ फूल यहां !


धर्म - जाति के नाम पर

होता है सिर्फ भेद यहां

रिटन टेस्ट के इंतज़ार में

बाल भी हो गए सफेद यहां !


इंजीनियर भी बाबा बनकर

बांट रहे शिष्टाचार यहां

अपनों में ही बंट रही नौकरी

फैला भ्रष्टाचार यहां !


पैसे से मिल रही नौकरी

गरीब आदमी जाए कहां ?

वोट लेकर नेता बदल गए

हाकिम भी बदले यहां !


कोई हज़ार नहीं

कोई लाख नहीं

है करोड़ों ही बेरोज़गार यहां !


क्या बढ़ती हुई आबादी का भी

है किसी को समाचार यहां ?

गैर मुल्कों में काम करने का

कब तक यह चलेगा दस्तूर ?


आधे से भी ज्यादा इंडिया

क्यों विदेशों में जाकर हुआ मशहूर ?

इस समस्या का समाधान

सरकार कोई कर दे जरूर !

पढ़ा-लिखा युवा आज का

पकौड़े बेचने को है मजबूर...!




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