बेरोज़गारी
बेरोज़गारी
युवा पीढ़ी दे रही दुहाई
किसी काम ना आई पढ़ाई
सर्टिफिकेट्स और प्राइज़ जितने भी,
मार्केट में कॉम्पिटिशन उतने ही !
पढ़े-लिखे बेरोज़गारों का
बन गया एक पूल यहां
गवर्नमेंट जॉब के नाम पर
बनता है सिर्फ फूल यहां !
धर्म - जाति के नाम पर
होता है सिर्फ भेद यहां
रिटन टेस्ट के इंतज़ार में
बाल भी हो गए सफेद यहां !
इंजीनियर भी बाबा बनकर
बांट रहे शिष्टाचार यहां
अपनों में ही बंट रही नौकरी
फैला भ्रष्टाचार यहां !
पैसे से मिल रही नौकरी
गरीब आदमी जाए कहां ?
वोट लेकर नेता बदल गए
हाकिम भी बदले यहां !
कोई हज़ार नहीं
कोई लाख नहीं
है करोड़ों ही बेरोज़गार यहां !
क्या बढ़ती हुई आबादी का भी
है किसी को समाचार यहां ?
गैर मुल्कों में काम करने का
कब तक यह चलेगा दस्तूर ?
आधे से भी ज्यादा इंडिया
क्यों विदेशों में जाकर हुआ मशहूर ?
इस समस्या का समाधान
सरकार कोई कर दे जरूर !
पढ़ा-लिखा युवा आज का
पकौड़े बेचने को है मजबूर...!
