तुम पढ़ोगे मुझे एक दिन
तुम पढ़ोगे मुझे एक दिन
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जब उम्र ढली होगी
थोड़ी हवा चली होगी
मौसम में नमी होगी
रौशनी की कमी होगी
अंधेरा खलता होगा
एक चिराग जलता होगा
मुरझाया चेहरा होगा
मायूसी का पहरा होगा
खुली खिड़की चोर होगी
नजर कमजोर होगी
ख्वाहिशें थमी होंगी
आँखें जमीं होंगी
पन्ने पास तेरे होंगे
अल्फाज मेरे होंगे
मैं याद तो आऊंगा
शब्दों में रह जाऊँगा
तुम पढ़ोगे मुझे एक दिन
इस लायक बन जाऊँगा