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Sham Sunder Saini S.S.S

Inspirational

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Sham Sunder Saini S.S.S

Inspirational

सुलगता भारत

सुलगता भारत

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बात तो एकता की थी, तुम हिंदू और मुसलमान कहां से ले आए ?

मसला तो गरीबी का था, यह गीता और कुरान कहां से ले आए ?

बात तो किसानों की थी, तुम भाई और भाई जान कहां से ले आए ?

मसला तो शांति का था, यह दंगों का सामान कहां से ले आए ?

बात तो रोटी की थी, तुम जहर की दुकान कहां से ले आए ?

मसला तो कपड़े का था, यह लड़ाकू विमान कहां से ले आए ?

बात तो मकान की थी, तुम यह शमशान कहां से ले आए ?

मसला तो इंसान का था, बीच में भगवान कहां से ले आए ?


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