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Sarita Dikshit

Inspirational

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Sarita Dikshit

Inspirational

बेरोजगारी

बेरोजगारी

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हम पढ़े लिखे हों या अनपढ़

भावी जग का आधार हैं हम

हम युवा हैं, उत्साह भरे

ना कहें कि,बेरोजगार हैं हम


जाति पाति,आरक्षण से 

कुंठाओं का विस्तार हुआ

निर्धनता के कारण शिक्षा का

मार्ग अति दुस्वार हुआ


कौन है दोषी इन सबका?

क्या नीति है सरकारों की

या कुछ कमियां हममें भी है

जो समझ नहीं अधिकारों की


हर काम में मेहनत होती है

कोई काम बड़ा ना छोटा है

यह सोच करें विकसित खुद में

श्रमहीन सदा ही रोता है।


ना शिक्षित हो, अभिमान करें

ना अयोग्यता का भान रहे

हर कार्य जो जग के हित में हो

उस श्रम का हम सम्मान करें।


रोजगार के अवसर बने

स्वरोजगार का प्रयत्न करें

खुद पर भी भरोसा हो हमको

औरों के लिए भी यत्न करें।


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