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Vijay Kumar parashar "साखी"

Tragedy

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Tragedy

बेमतलब का दिखावा

बेमतलब का दिखावा

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लोग बेमतलब का दिखावा करते हैं

लोग बेमतलब का छलावा करते हैं।

उनको पता है ख़ुदा सब जानता है,

फ़िर भी वो ख़ुद से धोखा करते हैं।

क्या लेकर आया,क्या लेकर जायेगा

फ़िर भी पैसे का दिखावा करते हैं।

कितना ही धन कमा लो

खाते सब अन्न ही हैं।

फ़िर किस बात पर 

लोग इतराया करते हैं।

कोई करोड़ रुपये देकर भी

एक सांस खरीद नहीं सकता है,

लोग बेमतलब ही पाप जमा करते हैं।

पर वो आईने जरूर ही टूट जाते हैं

जो दूसरों का अक्स दिखाया करते हैं,

ये लोगों से तेरा प्रेम का

व्यवहार ही साखी

तेरे मरने के बाद भी 

तुझे जिंदा रख सकता है।

बाकी तो सब,

फिजूल ही सांसे लिया करते हैं।



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