बेड़ियों को तोड़ दो .....
बेड़ियों को तोड़ दो .....
ज़ुल्म करती हैं जो बेड़ियाँ वह तोड़ दो ...
है जो ग़लत रूढ़ियाँ वह भी तो छोड़ दो !
क्यों न मानसिकता को हम अच्छा करें ..
क्यों सड़ी गली बेसिर पैर की बातें करें !!
हम विज्ञान युग के लोग है अपनी सोच
को हम अच्छा करें .....
हम पुराने जमाने के अंधविश्वासों को
न माने ....
हम हर बात के पीछे के तर्क को ही जाने !
अब न अतीत की बुराइयों को अपनाएँ
हम अपने भविष्य को उज्ज्वल बनाने के
लिए क़दम उठाएँ !!
सबको अब समानता का अधिकार मिले ...
अमीर गरीब के बीच जो खाई है उसको मिटाएँ..
जो साक्षर नहीं है उन्हें पढ़ना लिखना सिखाएं ...
सबको अब जीने के लिए अच्छी राह दिखाएं ...
चलो एक नवीन युग का दौर चलाएँ .....
ज़ुल्म करती बेड़ियों को तोड़ आएं !!
