हमें भी चैन से जीना है हमें भी सुकून से जीने दो हमें भी चैन से जीना है हमें भी सुकून से जीने दो
हम पुराने जमाने के अंधविश्वासों को न माने हम पुराने जमाने के अंधविश्वासों को न माने
जब मुझे ये धर्म की परछाइयाँ खलने लगेंगी, बन्द मुट्ठी की पहेली सी मुझे छलने लगेंगी। जब मुझे ये धर्म की परछाइयाँ खलने लगेंगी, बन्द मुट्ठी की पहेली सी मुझे छलने लग...
तुम समेटकर दर्द, फिर उड़ जाना गंतव्य की ओर, तुम समेटकर दर्द, फिर उड़ जाना गंतव्य की ओर,