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गणेश नेगी

Drama

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गणेश नेगी

Drama

बदलाव की बहस

बदलाव की बहस

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क्या सोचा हैं सब ऐसा ही चलेगा

आँखें खो दोगे तो ऐसा ही दिखेगा,


रास्ता नहीं ये मंजिल की दौड़ हैं,

अभी हो जा घायल, 

तभी तो तू आगे भी बचेगा।


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