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Abha Chauhan

Abstract

4.4  

Abha Chauhan

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बधाई हो

बधाई हो

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छोटी सी नन्ही सी प्यारी-प्यारी,

हमारे घर लक्ष्मी जी पधारी।


मुट्ठी में बंद करके खुशियां,

देखने आई है वह दुनिया।

मन की सारी दोष मिटाने,

बाल रूप के दर्शन कराने।

दुनिया में सबसे वह न्यारी,

हमारे घर लक्ष्मी जी पधारी।।


नन्हे-नन्हे कदमों से अपने,

जब इधर उधर चलेगी।

मीठे-मीठे बोलो से,

दो कुल का नाम रोशन करेगी।

दादा-दादी नाना-नानी,

की आंखों का तारा कहलाएगी।

छोटी-छोटी उंगलियों से पापा के,

सिर पर मां बन के हाथ फिराएगी।

बचपन की लीला फिर से दिखाएगी सारी,

हमारे घर लक्ष्मी जी पधारी।।



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