बचपन
बचपन
तितलियों की तरह,
आया ये पल,
न तुम रोक सको
ना हम,
उथल के कूद के,
ये पल,
हर दम हर ,
पल जी ले,
ये पल,
अपनो का प्यार,
अपनो का साथ,
मिल जाते,
हर पल ,
हर वक्त,
फूलों सी महक,
काटो सी चुभन,
इसे देख कर,
जी ले हर पल,
कहीं आज किसी,
से मुहब्बत न हो जाए।
पंछी की तरह उठती,
फिरूँ मैं,
बादलों को चूम कर,
आज पल हर पल,
जी लूं मैं।।