बचपन था एक
बचपन था एक
आज मेरे पास बचपन आया था,
एक बात बोल के मुझे उसकी याद दिला गया
क्यों तुम्हें तो बड़ा होना था ना
तो लो अब खुश हो ना
आज मेरे पास बचपन आया था,
एक बात बोल के मुझे सब याद ताजी करा गया
क्यों तुम्हें तो गुड्डा-गुड़िया का खेल बहुत पसंद था ना
तो अब खुश होना, जिंदगी के असली खेल में
आज मेरे पास बचपन आया था,
एक बात बोल के मुझे सब सिखा गया
"जिंदगी अपने साथ ही खुशी से जीयो,
ना कि किसी के आने जाने के गम, दुःख साथ जीयो"
