विश्वास 'माँ-पापा' का
विश्वास 'माँ-पापा' का
क्या रखा है इस दुनिया वालो के साथ रहने में
अगर रहना ही है तो मां-पापा के साथ रहिये
कम से कम किसी कि छाव में तो रहोगे
क्या रखा है इस चंद लम्हों के झूठे प्यार में
अगर प्यार सच्चा चाहिए तो
रहिएगा हंमेशा अपने माँ-पापा के आंचल में
क्या रखा है इस झूठे शान की सफलता में
अगर कुछ नया सफर में पाना ही है तो
करिए वहन अपने माँ-पापा के विश्वास का
और रखिए विश्वास अपनी मेहनत पर
जो जिदंगी पार कराए।
