बचपन की यादें
बचपन की यादें


नानाजी के साथ गर्मियों की छुट्टी बिताना,
उनकी हिंदुस्तान 14 में वो अप्पू घर जाना,
प्यारी सी वो यादें बचपन की,
छोटे छोटे से हम बच्चे,
थोड़े मासूम, थोड़े नटखट भी,
नानी के हाथ वो स्वादिष्ट खाना,
ग्रामोफ़ोन पे बजते गानों पे यूँ ठुमके लगाना,
खूब सारी गपशप और दौड़ना पकड़ना,
खेलना कूदना और एक दूसरे को चिढ़ाना,
किसी रूठना किसी का मनाना,
रात को भूत की कहानियाँ बनाना,
थोड़ा डरना थोड़ा डराना,
फिर यूँ ही थक कर बिस्तर पर सो जाना।
ये यादें हमेशा खास रहेंगी,
कितने बड़े क्यूँ ना हो जाएँ हम,
हमेशा ये दिल के पास रहेंगी।
जब भी मन व्याकुल या उदास होगा,
इन यादों से फिर से दिल में उल्लास होगा,
बस ये ही राज़ है इस ज़िन्दगी का,
वक़्त को पलों में जीयो,
ओर जो बीत जाए उन्हें,
हसीन ख्यालों में जीयो ।