STORYMIRROR

sargam Bhatt

Fantasy Children

4  

sargam Bhatt

Fantasy Children

बचपन की बारिश

बचपन की बारिश

1 min
420

उदास फिरता है अब

मोहल्ले में बारिश का पानी,

कश्तियां बनाने वाले बच्चे

अब मोबाइल से इश्क कर बैठे!


बचपन कुछ ऐसा था,

भावो में बहता था,

बारिश के मौसम में,

बेहद चाहकता था,


कागज की कश्ती,

बरसात में बहता था,

शरारत की किस्तों में,

बचपन को जीता था,


मुझको लौटा दो वो

वह बचपन का सावन,

वो कागज की कश्ती, 

वो बारिश का पानी !


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Fantasy