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Husan Ara

Tragedy

3  

Husan Ara

Tragedy

बच्चे

बच्चे

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वो रोक रही है तपिश को धूप की

वो थाम रही है हवा के तेज़ झोकों को


नर्म करना चाहती है पृथ्वी की कठोरता

जलाए रखना चाहती है आशा के दीप


अपने बच्चों के मन में बच्चोंं के लिए जीना है

उसे सांस लेते रहना है हर दुख सहते रहना है


परिस्थितियों को मात देते रहना है।


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