बच्चे सब समझते है
बच्चे सब समझते है
बच्चों के मन को समझना
मुश्किल है
बहुत मुश्किल है
पल पल में बदलता है
कभी नही सम्भलता है
एक पल में
जो चीज अच्छी
लगती है
वही दूजे पल
बुरी लगने लगती है
बच्चे नजर से नहीं
नजरिये से देखते है
खेल खेल में ही
सही हमे
जिंदगी जीने का
सलीका सीखा जाते हैं।
बच्चों को तुम
बच्चा न समझो
इन्हें अक्ल का कच्चा न समझो
ये बच्चे नहीं मन के सच्चे हैं।
बच्चे सब समझते हैं।
