बौनी उड़ान
बौनी उड़ान
ये उड़ान अभी बौनी है
मुझे ऊपर बहुत जाना है
ये थकान अभी थोड़ी है
मुझे अन्त समय तक निभाना है
आसमान को छूने की
तमन्ना नहीं है दिल में
अनपढ़ों को आसमान से
मिलवाने ले जाना है
ये उड़ान अभी बौनी है
मुझे ऊपर बहुत ही जाना है
पर्वतों पर चढ़ जाऊँ
ये चाहत नहीं है मन में
माँ-पिता के चरणों तक ही
जा कर रुक जाना है
ये उड़ान अभी बौनी है
मुझे ऊपर बहुत ही जाना है
ये सोचती नहीं मैं कि
भगवान मिले मुझको
हँस कर मिलूँ मैं सबसे
और मुझे जिन्दगी से चले जाना है
ये उड़ान अभी बौनी है
मुझे ऊपर बहुत ही जाना है
लिखती हूँ मै शब्दों को
पिरोती हूँ मोतियों की तरह
ये तो बस एक झोपड़ी है
मुझे कविताओं का महल बनाना है
ये उड़ान अभी बौनी है
मुझे ऊपर बहुत ही जाना है
ये थकान अभी थोड़ी है
मुझे अन्त समय तक निभाना है